विश्व के इतिहास में वर्ष २०२० को भुलाए नहीं भूला जाएगा, यह वर्ष सदियों तक लोगों को याद रहेगा। तो आखिर ऐसा क्या हुआ वर्ष २०२० में की दुनिया को इस वर्ष की यादें हमेशा उनके जेहन में रहेगी।
दूसरे वर्षों की तरह इस वर्ष की भी शुरुआत क्रिसमस एवम् हैप्पी न्यू ईयर मानने के बाद ही हुई। इसकी शुरुआत भी बाकी साल की तरह ही जनवरी से ही हुई, लेकिन ऐसा क्या खास रहा जो लोगो को इसकी चर्चा बार बार करनी पड़ती हैं।
इन सभी सवालों को जानने के लिए आपको यह पूरा लेख पढ़ना पढ़ेगा, जब आप इसको पढ़ेंगे तब आपको आपके सारे सवालों का जवाब मिल जाएगा और यह भी जान पाएंगे कि वर्ष २०२० इतना खास क्यू रहा।
तो चलो, मेरे साथ इस पोस्ट में आपको उन सभी घटनाओं एवम् उन किस्सो को आपके साथ शेयर करता हूं जो इस वर्ष को को ईयर ऑफ द century कहा गया।
इस वर्ष को याद इसलिए रखा जाएगा कि इस वर्ष दुनिया की सबसे बड़ी महामारी जिसका नाम वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गनाइजेशन ने कोरॉना (कोविड-१९) के नाम रखा गया। वास्तविकता में यह जानलेवा वायरस चीन के वुहान शहर से निकलकर लगभग विश्व के सभी देशों में फैल चुका है और तकरीबन इस वायरस से लगभग एक करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और करीब पांच लाख लोगों की इस वायरस से मौत हुई हैं और यह सिलसिला अभी तक निरंतर हैं जब तक इस वायरस का कोई ठोस वैक्सीन या कोई दवाई नहीं बन पाती। और विश्व के सभी विकसित देश इसकी दवाई ढूंढ़ने में लगे हुए हैं लेकिन अब तक किसी को कोई सफलता हासिल नहीं हुई है लेकिन यह दावा किया जा रहा है कि इस वर्ष के अंत तक इसकी वैक्सीन बन पाएगी।
इस भयंकर वायरस ने पूरी दुनिया में तांडव मचा रखा है जबकि सबसे अधिक नुकसान अब तक इस वायरस ने अमेरिका ब्राज़ील, रूस एवम् भारत में किया हैं। आगे भी यह जारी हैं।
अगर यहां भारत की बात करे तो भारत में भी इस वायरस ने अपने पैर पसार लिए है लेकिन अभी तक भारत में इसकी स्थिति बाकी देशों के काफी अच्छी है।
इस वायरस की कोई दवाई उपलब्ध नहीं होने
के कारण इसको कैसे रोका जाए, इस समस्या का कोई समाधान नहीं होने पर पूरे विश्व में सिर्फ एक मात्र विकल्प ही शेष था वो है सम्पूर्ण लॉकडॉउन। इस लॉकडॉउन का मतलब यह था कि सब कुछ थम सा जाए जो जहां है वो वही रह जाए, कुछ भी सामान्य नहीं था।
और मैंने स्वयं ने इस लॉकडॉउन का अनुभव किया, ऐसा था कि जो मानव इतिहास में पहले कभी किसी ने नहीं देखा था, और मै गवाह हूं की मैने जो पहले कभी नहीं देखा था, पूरे के पूरे शहर थम से गए थे, वीरान शहर, सुनसान सड़के और सब लोग अपने घर पर बंद थे। इन सब का कारण यही था कि लोग अपने घर से बाहर न निकले और अपने आप को घर में रखकर सुरक्षित करे, क्यूंकि इस जानलेवा वायरस का अभी यही इलाज हैं की आप इसके संक्रमण में नहीं आए, ओर इस बीमारी से बचे रहे ।
इस दौर को मैंने काफी नजदीक से देखा हैं और मैंने रहन सहन के पुराने सारे तरीको को बदलते देखा है। आज हर इंसान इस वायरस से बचने के लिए अपने मुंह पर मास्क लगा कर घूम रहा है और लोग अपनो से भी मिलने को तरस रहे है, मगर यह भी सच्चाई है कि इस मुश्किल दौर में सभी लोगो ने सरकार के बनाए नियमो कड़ाई से पालन किया जिसके चलते आज भारत की स्थिति बाकी विकसित देशों जैसी नहीं हुआ इसका महत्वपूर्ण कारण यह हैं को भारत ने समय पर इस वायरस से लडने के लिए रणनीति बनाई और उस अनुरूप कार्यवाही जारी रखी, इसी का परिणाम है कि भारत में इस वायरस से मरने वालों का आंकड़ा पूरे विश्व की तुलना में कम है।
यही नहीं इस वायरस के साथ साथ भारत में इस वर्ष कई आपदाओं ने एक साथ प्रहार किया जिसमें सबसे अधिक नुकसान अंफान तूफान ने देश के पश्चिम बंगाल एवम् उड़ीसा राज्य में किया, जिससे इन राज्यो में भारी नुकसान उठाना पड़ा। और इसके अतिरिक्त देश के कई राज्यों में तिड का भी हमला हुआ जिससे देश की फसलों को भी भारी नुकसान हुआ, यह अभी समाप्त ही नहीं हुआ की देश में मानसून के चलते कई राज्यो में भारी बारिश एवम् बिजली गिरने से कई घरों और कई संख्या में लोगो को अपनी जान गवानी पड़ी। लेकिन देश की मजबूत एवम् सहयोगी सरकार ने राज्यों से कंधा से कंधा मिलाकर काम करते हुए इन सभी को राहत पहुंचने का अथक सहायता की जो अभी भी जारी है।
इन सभी घटनाओं से देश के कई लोगो के जीवन पर सामाजिक एवम् आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ा लेकिन सरकार ने हर संभव प्रयास करते हुए सबको राहत पहुंचाने का पूरा प्रयास किया और आगे भी यह कार्य जारी है।
इन सभी समस्याओं से अभी बाहर भी नहीं आए है और भारत को एक और बड़ी मुश्किल से जुझना पड रहा है वो यह की अपने ही देश के पड़ोसी मुल्क चीन ने भारत के लदाख़ में गलवान घाटी में अपने फौज को तैनात किया और भारत की सीमा पर जबरन कब्जा करने का असफल प्रयास कर रहा था इस पर हमारी बहादुर सेना के जवानों ने अपने हौसलों और मजबूत इरादों के चलते उनके इन घटिया मंसूबों को ध्वस्त कर दिया और उनको पीछे धकेलने में कामयाब रहे, लेकिन इन सब में प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत के कई वीर जवानों को शहीद होना पड़ा, मगर उन्होंने शहीद होते होते अपने देश के लिए अपना फ़र्ज़ निभा कर गए।
यह मुद्दा अभी भी तनावपूर्ण हैं जो डिप्लोमेटिक रूप से सरकार निपटने का प्रयास किए का रहे हैं। इस घटना से भारत में कई जगह लोगो में गुस्सा भर गया है और इस पर लोगो ने चीन के सामान का इस्तेमाल नहीं करने हेतु कहा गया।
इन सबके चलते भारत ने ५९ चाइनीज एप्स पर पाबंदी लगाई और यह कहा कि यह एप्स सुरक्षा और गोपनीयता की दृष्टि से सुरक्षित नहीं है।
और १२३ वर्षों में पहेली बार यह हुआ कि प्रतिवर्ष भगवान जगन्नाथ की यात्रा भी स्थगित की गई जो की पहले कभी नहीं हुआ।
इसके अलावा ९३ वर्षों में पहेली बार यह हुआ है कि मुंबई के लालबाग के गणेश जी का पंडाल भी नहीं लगाया जाएगा जो एक बहुत बड़ी बात है।
To be Continue..
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