RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) ने बीते शुक्रवार को 2 सहकारी बैंकों - नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और श्री मल्लिकार्जुन पट्टाना सहकारी बैंक नियमिता - का लाइसेंस रद्द कर दिया है।
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आरबीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा हैं की “बैंक की निरंतरता उसके जमाकर्ताओं के हितों के लिए हानिकारक है, बैंक अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति के साथ अपने वर्तमान जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा और यदि बैंक को अपने बैंकिंग व्यवसाय को जारी रखने की अनुमति दी गई तो सार्वजनिक हित पर आगे प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। "
आरबीआई ने यह बताया की लाइसेंस cancel होने के बाद, दोनों बैंकों को तत्काल प्रभाव से जमा स्वीकार करने और जमा का पुनर्भुगतान करने के साथ बैंकिंग व्यवसाय करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
आरबीआई ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि परिसमापन पर प्रत्येक जमाकर्ता डीआईसीजीसी अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से 5 लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा।
मल्लिकार्जुन पट्टाना सहकारी बैंक नियमिता के द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 99.50 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।
डीआईसीजीसी ने श्री मल्लिकार्जुन पट्टाना सहकारी बैंक नियामिता के जमाकर्ताओं से प्राप्त इच्छित consent पर 31 मई तक कुल बीमाकृत जमा का 5.38 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है।
नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार 99.87 प्रतिशत जमाकर्ता DICGC से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं।
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